जन्म प्रमाण-पत्र BIRTH CERTIFICATE उत्तर प्रदेश नहीं बल्कि पूरे भारत में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो बच्चे की पहचान, जन्म की तारीख, जन्म स्थान और नागरिकता का प्रमाण प्रदान करता है। यह दस्तावेज सरकारी रिकॉर्ड का हिस्सा होता है और इसे शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी योजनाओं, पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य सेवाओं के लिए आवश्यक माना जाता है।
जन्म प्रमाण पत्र BIRTH CERTIFICATE के लिए आवश्यक दस्तावेज
जन्म प्रमाण पत्र BIRTH CERTIFICATE के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है: 1. जन्म सूचना प्रपत्र संख्या-1 (जो नीचे डाउनलोड सेक्सन में जा कर डाउनलोड कर सकते है) 2. प्रार्थना-पत्र (जो नीचे डाउनलोड सेक्सन में जा कर डाउनलोड कर सकते है) 3. शपथ पत्र/हलफनामा यदि आवश्यक हो (जो नीचे डाउनलोड सेक्सन में जा कर डाउनलोड कर सकते है) 4. अनुपलब्धता प्रमाण-पत्र (प्रपत्र संख्या-10) यदि आवश्यक हो (जो नीचे डाउनलोड सेक्सन में जा कर डाउनलोड कर सकते है) 5. जन्म स्थान प्रमाण जैसे- अ-अस्पताल द्वारा जारी जन्म पंजिका प्रमाण पत्र ब-जन्म घर पर होने की दशा में (प्रधान / सभासद/चेयरमैन / सम्मानित व्यक्ति द्वारा निर्गत जन्म विवरण पत्र) 6. माता-पिता का पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि) 7. यदि आवेदक माता-पिता नहीं तो उसकी दशा में आवेदक का पहचान पत्र (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि) 8. (यदि आवश्यकता हो) गवाहों के शपथ पत्र इस बात का कि जन्मे बच्चे का जन्म स्थान, जन्म तिथि व माता पिता का नाम, पता सत्य एवं सही है
जन्म प्रमाण-पत्र BIRTH CERTIFICATE आवेदन प्रक्रिया समझे
अ-अगर कोई व्यक्ति बच्चे के जन्म की सूचना जन्म के 21 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार को देता है, तो रजिस्ट्रार बच्चे का नाम जन्म रजिस्टर में दर्ज करता है। इसके बाद, जन्म प्रमाण-पत्र मुफ्त में (निः शुल्क) प्रदान किया जाता है। यह नियम सभी के लिए लागू है ताकि बच्चे का जन्म समय पर पंजीकृत हो सके।
इसका मतलब है कि 21 दिनों के अंदर सूचना देने पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
ब-यदि बच्चे के जन्म की सूचना 21 दिनों के बाद लेकिन 30 दिनों के भीतर दी जाती है, तो रजिस्ट्रार को जन्म रजिस्टर में जानकारी दर्ज करने के लिए 2 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रार बच्चे का जन्म पंजीकृत करेगा और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करेगा। साधारण भाषा में, अगर सूचना थोड़ी देर से (30 दिनों के अंदर) दी जाती है, तो सिर्फ 2 रुपये देकर प्रमाण-पत्र बनवाया जा सकता है।
स-अगर बच्चे के जन्म की सूचना 31 दिन से लेकर 1 वर्ष के अंदर दी जाती है, तो रजिस्ट्रार जन्म पंजीकरण करेगा, लेकिन इसके लिए 5 रुपये का विलंब शुल्क लिया जाएगा। नोटरी (हलफनामा) यानी एक शपथ पत्र बनवाना होगा। जिला पंचायत राज अधिकारी की अनुमति लेनी होगी। इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद रजिस्ट्रार बच्चे का जन्म पंजीकरण करेगा और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करेगा। साधारण शब्दों में, अगर सूचना 31 दिनों के बाद दी जाती है, तो थोड़ा अधिक शुल्क, एक हलफनामा, और अधिकारी की अनुमति की आवश्यकता होती है। द-अगर बच्चे के जन्म की सूचना 1 वर्ष के बाद दी जाती है, तो रजिस्ट्रार जन्म पंजीकरण करने के लिए: 10 रुपये का विलंब शुल्क लेगा। उपजिलाधिकारी (SDM) का लिखित आदेश अनिवार्य होगा। इन दस्तावेज़ों और प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही रजिस्ट्रार बच्चे का जन्म पंजीकरण करेगा और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करेगा। साधारण शब्दों में, अगर 1 साल से अधिक समय हो गया है, तो पंजीकरण के लिए उपजिलाधिकारी (SDM) की अनुमति और 10 रुपये का शुल्क देना होगा।
रजिस्ट्रीकरण प्रक्रिया नियमानुसार-
अ-अगर कोई व्यक्ति बच्चे के जन्म की सूचना जन्म के 21 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार को देता है, तो रजिस्ट्रार बच्चे का नाम जन्म रजिस्टर में दर्ज करता है। इसके बाद, जन्म प्रमाण-पत्र मुफ्त में (निः शुल्क) प्रदान किया जाता है। यह नियम सभी के लिए लागू है ताकि बच्चे का जन्म समय पर पंजीकृत हो सके।
इसका मतलब है कि 21 दिनों के अंदर सूचना देने पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा।
ब-यदि बच्चे के जन्म की सूचना 21 दिनों के बाद लेकिन 30 दिनों के भीतर दी जाती है, तो रजिस्ट्रार को जन्म रजिस्टर में जानकारी दर्ज करने के लिए 2 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रार बच्चे का जन्म पंजीकृत करेगा और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करेगा। साधारण भाषा में, अगर सूचना थोड़ी देर से (30 दिनों के अंदर) दी जाती है, तो सिर्फ 2 रुपये देकर प्रमाण-पत्र बनवाया जा सकता है।
स-अगर बच्चे के जन्म की सूचना 31 दिन से लेकर 1 वर्ष के अंदर दी जाती है, तो रजिस्ट्रार जन्म पंजीकरण करेगा, लेकिन इसके लिए 5 रुपये का विलंब शुल्क लिया जाएगा। नोटरी (हलफनामा) यानी एक शपथ पत्र बनवाना होगा। जिला पंचायत राज अधिकारी की अनुमति लेनी होगी। इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद रजिस्ट्रार बच्चे का जन्म पंजीकरण करेगा और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करेगा। साधारण शब्दों में, अगर सूचना 31 दिनों के बाद दी जाती है, तो थोड़ा अधिक शुल्क, एक हलफनामा, और अधिकारी की अनुमति की आवश्यकता होती है। द-अगर बच्चे के जन्म की सूचना 1 वर्ष के बाद दी जाती है, तो रजिस्ट्रार जन्म पंजीकरण करने के लिए: 10 रुपये का विलंब शुल्क लेगा। उपजिलाधिकारी (SDM) का लिखित आदेश अनिवार्य होगा। इन दस्तावेज़ों और प्रक्रिया को पूरा करने के बाद ही रजिस्ट्रार बच्चे का जन्म पंजीकरण करेगा और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करेगा। साधारण शब्दों में, अगर 1 साल से अधिक समय हो गया है, तो पंजीकरण के लिए उपजिलाधिकारी (SDM) की अनुमति और 10 रुपये का शुल्क देना होगा।